उत्तराखण्ड : किसका राज्य?
क्या केवल सीमाओं से बनता है एक राज्य? या नाम से? या…कुछ समय बाद नाम बदल देने से! साल 2000! दिन 9 नवम्बर। एक उद्घोषणा कि अब हमारा पता उत्तर प्रदेश नहीं, उत्तरांचल होगा।राज्य का ठप्पा बदल गया।दो मछलियों और एक तीर की जगह तीन पहाड़ियों और चार जल धाराओं ने ले ली।नये साल में आकर अक्सर पिछला साल दिनांक में लिख कर काट के ठीक करने वालों जैसे क्या किसी ने पुराने राज्य का नाम भी काटकर सुधारा होगा? कुछ इस तरह की काग़ज़ के दोनों तरफ़ सुराख़ बन जाये! वर्ष 1994 में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की सरकार के ओबीसी आरक्षण के 27 प्रतिशत किए जाने के आदेश के ख़िलाफ़( ओबीसी जिनकी संख्या तब राज्य की 37 प्रतिशत थी) उत्तराखंड का सवर्ण समाज( पहाड़ का 80 प्रतिशत) अपनी 'अलग पहचान' के लिए सड़कों पर उतर गया। उस दौर में पहाड़ में ओबीसी की हिस्सेदारी मात्र दो प्रतिशत थी।इसलिए राज्य आंदोलन असल में एक ‘आरक्षण विरोधी' आंदोलन था( Joanne Moller, 2000)। जिस गर्व के साथ अधिकांश लोग आज के दिन राज्य स्थापना दिवस मनाते है; इस बात से वे या तो बेख़बर है या बनते है। हाल में राष्ट्रीय पत्रिक