अमिट स्याही ( Indelible Ink)
अमिट स्याही( Indelible Ink) 7 नवम्बर को हुए विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव में अपनी ड्यूटी के दौरान आख़िर में स्याही की वॉयल बंद करते वक़्त ढक्कन में लगी स्याही मेरे हाथों पर अपनी पहचान गढ़ गई।इसलिए सोचा कि इससे जुड़ी जानकारी साँझा की जाये। इस स्याही का पूरा रासायनिक फ़ार्मूला किसी को नहीं पता सिवाय सीएसइआर(CSIR) के। बस इतना पता है कि इसमें सिल्वर नाइट्रेट (AgNO3) होता है।यह यौगिक फोटोसेंसिटिव होता है, यानी धूप में आते ही इसमें कुछ रासायनिक बदलाव होते है।इसीलिए चुनाव की स्याही लगने के बाद आपने इसके रंग में बैंगनी से इसे गहरा होता देखा होगा।तक़रीबन 35 से ज़्यादा देशों में इसका निर्यात किया जाता है जिसमें हमारे पड़ोसी देश भी शामिल है।लगभग 10 दिन तक किसी भी रसायन से इसे साफ़ नहीं किया जा सकता उसके बाद ये ख़ुद फ़ीकी होने लगती है। अगर इसके इतिहास पर नज़र डालें तो, पहले सामान्य चुनावों(1951-52) के दौरान कई लोगों के एक से अधिक बार वोट डालने की धांधली सामने आई।इसी के एवज़ चुनाव आयोग ने National Physical Laboratory(NPL) Delhi, से इस बात की माँग की, कि कुछ ऐसा बनाया जाये जिससे ये समस्या ठीक ह