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सितंबर, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Navodaya: Its an emotion rather than a school

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 नवोदय.... अल्फ़ाज़ नहीं है बयां करने को , बारहवीं नहीं ज़िन्दगी को कैसे पास करना है ये सिखाया है तुमने!     मुझे याद है अक्टूबर कि  वो 5 तारीख़ सन 2000, जब नवोदय में दाख़िला हुआ, बेलबॉटम(जो उस दौर का फैशन था ) पहना हुआ एक लड़का अपने से एक साइज बड़े गोल्डस्टार के जूतो और काली बनियान पहने हुए जब उस गेट, जिस गेट पर लिखा था - प्रज्ञानं ब्रह्म यानि जो प्रकट है वही ब्रह्म हैं, अंदर जाता है तो तो उस समय तो नहीं कहा था पर आज की समझ से कह सकता हूँ - ‘गर फिरदौस बर रुए ज़मीं अस्त, हमीं अस्तो, हमीं अस्तो, हमीं अस्त’ अर्थात अगर धरती पर कहीं स्वर्ग है तो यहीं है, यहीं पर है और सिर्फ यहीं पर है     पहली दफा गढ़वाल में इतना दूरस्त जाना हुआ था।  कर्णप्रयाग से आगे जब  बस की खिड़की से नीचे  बहती अलकनंदा को देखने की हिम्मत नहीं हुई थी तो पापा से कहा था," यार इस ओर आप बैठ जाओ " पिता से हमेशा एक दोस्ताना रिश्ता रहा इसलिए न कभी 'यार'  कहने में मैंने गुरेज़ किया न उन्हें सुनने में परहेज़ हुआ! रुद्रप्रयाग से 42  किलोमीटर दूर गुप्तकाशी और वहां से 7  किलोमीटर जाखध...

Bhagat Singh: Beyond an atheist

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भगत सिंह कहते ही जो चेहरा आपके सामने आता है वो है - हैट पहना एक नौजवान,  हल्की मूंछे और एक खामोश पर  एक कैफ़ियत  से लबरेज़ एक शख़्स!     आज उनका जन्मदिन है तो सोचा कुछ लिखूँ ,पर शुरू कहाँ से किया जाए इसके लिए काफी सोचने की जरुरत पड़ी। स्कूल के दिनों से ही अक्सर पोस्टर में दिखता ये चेहरा जिसे हम अपनी कला की कॉपी में बनाया करते थे। तब वो इंसान हमारे लिए एक आम सा  इंसान हुआ करता था पर ज्यों ज्यों उम्र परवान चढ़ी और जितना उसे जानते गए, वो  शख़्स    दिन-ब-दिन और ख़ास बनता गया और आज का ये हासिल है कि  उसे जितना सोचो दिल में उसके लिए मुहब्बत और बढ़ जाती है और आँखों का ये समंदर भी कम पड़  जाया करता है।       आज हमारे विश्वविद्यालयों में जिस उम्र में छात्र केवल निजी बहसों तक में खुद को मशगूल पाते है उस उम्र , 23 साल की उम्र में फांसी के तख़्त को चूमने वाला यह शख़्स  असाधारण रहा हो बचपन से ऐसा नहीं था उन्होंने खुद को हमेशा एक औसत व्यक्ति माना। प्राथमिक शिक्षा पाने के बाद जब वो लाहौर के डी ० ए ० वी ० कॉलेज में पढ़ने गए तो कहत...

A Journey to Abbot Mount: A Haunted place in the dense Deodar Forests

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हाल में मैंने जिस जगह को एक्सप्लोर किया गया वह है - Abbot Mount,लोहाघाट (चम्पावत ) उत्तराखंड के कुमाऊं में चम्पावत जिले की एक खूबसूरत जगह लोहाघाट से नज़दीक यह जगह जो कि अपनी ख़ूबसूरती और सुरम्यता के लिए जानी जानी चाहिए पर यह जानी जाती है social media द्वारा प्रचारित- Top Ten most haunted places in Uttarakhand…अगर गूगल पर इतना लिख दें तो फ़ेहरिस्त में इस जगह का नाम अव्वल पायेंगे।इसी वजह से इस जगह जाने की बड़ी ज़िद सी थी।आख़िरकार अपने व्यस्त समय की तीन दिन की छुट्टी का इससे बढ़िया उपयोग कहाँ कर सकते थे हम,मैं और डॉ0 सुन्दर कुमार। खूबसूरत प्लान हमेशा अचानक बनते है और हुआ भी यही और पहुंच गए हम दोनों इस डरावनी कही जाने वाली जगह में- Abbot Mount. घने और ऊँचे देवदार के पेड़ों के बीच इस खूबसूरत जगह में घुमावदार रास्तों से जाने के बाद एक बड़े मैदान के बाद हम पहुंचे उस चर्च वाली जगह पर,जिसमे एक संगमरमर पर लिखा था- Dedicated to the memory of Mrs L.S.Abbot eracted by her husband 1942. हर कोई शाहजहाँ हो जरुरी नहीं कोई Abbot भी हो सकता है. ये जगह इतनी सुनसान है कि लोग अकेले जाने ...