Water droplets: the science behind this beauty!

 

 
  
उपरोक्त फोटो अगर आपको सुंदर लग रही है तो आइए इसके पीछे का विज्ञान भी समझे।प्रकृति ऐसे खूबसूरत दृश्यों से भरी हुई है पर इसके पीछे का विज्ञान कहीं और ज़्यादा ख़ूबसूरत है।आपने अक्सर गौर किया होगा कि, मकड़ी के जालों, या आजकल ठंडियों में पत्तियों के ऊपर दिखने वाली ओस की बूँदे गोल ही क्यों होती हैं? वे लंबी, चपटी या डिब्बेनुमा क्यों नहीं होती?
 तो इसका जवाब है- पृष्ट तनाव( Surface Tension)।आइये पृष्ट तनाव को समझते है।आपने ग़ौर किया होगा कि अगर हम एक रंग भरने वाली कूची( Paint brush) को जब पानी के भीतर डुबाते है तो वो फैल जाती है, जबकि जैसे ही उसे बाहर निकालते है, पूरी कूची के बाल आपस में चिपक जाते है और ख़ुद को आपस में समेट लेते है।
आइये एक पानी की गोल बूँद के बारे में सोचे,जैसा ऊपर पत्तियों में दिख रही है।बूँद के भीतर पानी है और बाहर केवल हवा।कल्पना कीजिए कि पानी के भीतर पानी का एक अणु जैसे कोई खूब सारे हाथों वाला जानवर हो! वो अपने सारे हाथों से बाक़ी को पकड़ कर खींच रहा हो।ऐसे उस बूँद के भीतर के सभी कण एक दूसरे को खींचेंगे।पर जो कण सतह( surface) पर होंगे वो अंदर वालों को तो खींचेंगे और उन्हें भी अंदर से खींचा जाएगा पर क्योंकि उनसे बाहर कोई नहीं है इसलिए वो सब अंदर की तरफ़ खिंचे चले जाएँगे एक हद तक।ऐसे ही चारों दिशाओं में होगा तो नतीजा क्या रहा? एक गोलीय आकृति ( Spherical Symmetry)
इसीलिए सुबह सुबह हमें पत्तियों के ऊपर ओस की जमी बूँदे हमें गोल दिखलायी पड़ती है। अगर आपको आयतन( Volume) नियत( constant) रखना हो तो सबसे कम पृष्ठीय क्षेत्रफल की जो आकृति बनेगी, वो होगी एक गोला( Sphere) बाक़ी हर त्रिवीमीय (3-D) आकृति का पृष्ठीय क्षेत्रफल गोले के पृष्ठीय क्षेत्रफल से अधिक ही होगा।इस कारण पानी की बूँद की सतह एक खिंचे हुए पतली परत के जैसे व्यवहार करेगी।अगर आप चाहें तो गुँथे हुए आटे को अलग अलग आकृतियों में ढालकर, गणित के सूत्रों से सबका पृष्ठीय क्षेत्रफल मापकर सत्यता जाँच सकते हैं।

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