आसान भाषा में भौतिकी का नोबेल-2022

 

   आख़िरकार आज भौतिकी के लिये भी नोबेल पुरुस्कार की घोषणा हुई तो भौतिकी का छात्र होने के नाते कोशिश करूँगा की आसान भाषा में इस पर दो आँखर लिखने की जुर्रत करूँ।

    रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने एलेन एस्पेक्ट, जॉन एफ क्लॉजर और एंटोन ज़िलिंगर को क्वांटम भौतिकी में उनके एंटेंगल्ड फोटोन पर प्रयोग द्वारा बेल इनेक्वालिटीज़ के उल्लंघन के लिये दिया जायेगा। 

    क्वांटम भौतिकी अतिसूक्ष्म स्तर पर कण कैसे व्यवहार करते है इसको समझने का गणितीय तरीक़ा है।इसका कारण है कक्षा 11 में पढ़ायी जाने वाली ‘ हाइजनबर्ग अनिश्चितता सिद्धांत’ जिसके अनुसार आप किसी कण की स्थिति एवम् संवेग( द्रव्यमान गुणा वेग) को एक साथ शत प्रतिशत दक्षता के साथ ज्ञात नहीं कर सकते उसमे कुछ निश्चित अनिश्चितता रहेगी ही।इस अनिश्चितता का कारण है कणों की द्वैत प्रकृति( dual nature) I 

       Quantum Entanglement मैं अगर समझा पाऊँ तो इसका अर्थ हुआ कि दूरी पर मौजूद कण भी एक दूसरे को प्रभावित करेंगे और अन्य भौतिक गुणों को भी।आइंस्टाइन ने इसे तब spooky action at a distance कहा था अर्थात् दूरी पर एक डरावनी गतिविधि। 

       1960 के दशक में Bell ने गणितीय रूप से सिद्ध करके दिखाया था कि एंटेंगल्ड कणों में सह-संबंध एक ख़ास मात्रा से आगे नहीं जा सकता है पर इन तीन वैज्ञानिकों ने प्रयोगों से ऐसा कर दिखाया क्योंकि Quantum Mechanics के अनुसार कुछ ख़ास प्रयोगों में यह संभव था। इसी के लिये यह नोबेल के हक़दार बने।

        मार्वल की फ़िल्मो में Quantum Physics अक्सर सुने जाने वाला शब्द है क्योंकि यह थोड़ा फ़ैन्सी और रोमांचक लगता है जबकि यह कोई दूसरी दुनिया की चीज नहीं बल्कि Subatomic Level पर कणों के व्यवहार को समझाने का एक गणितीय तरीक़ा है क्योंकि वहाँ पर कण न्यूटन के नियमों से इतर व्यवहार करते है।


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